सुप्रीम कोर्ट का आदेश: वाहन मालिकों को राहत, थर्ड-पार्टी बीमा के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट जरूरी नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में वाहन मालिकों को राहत देते हुए कहा है कि थर्ड-पार्टी बीमा प्राप्त करने के लिए प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र (PUC) अनिवार्य नहीं है। यह फैसला उन वाहन मालिकों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है जो वैध PUC प्रमाण पत्र की कमी के कारण बीमा कराने में दिक्कतों का सामना कर रहे थे।

कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि PUC प्रमाण पत्र वाहनों के प्रदूषण मानकों को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है, लेकिन इसे थर्ड-पार्टी बीमा से जोड़ना वाहन मालिकों के लिए अनावश्यक कठिनाइयाँ पैदा कर सकता है। मोटर वाहन अधिनियम के तहत थर्ड-पार्टी बीमा सभी वाहनों के लिए अनिवार्य है, और कोर्ट ने जोर दिया कि PUC प्रमाण पत्र के साथ इसे जोड़ना वाहन मालिकों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है।

इस फैसले का देशभर में वाहन मालिकों और परिवहन संगठनों ने स्वागत किया है। कई लोगों ने कहा कि PUC प्रमाण पत्र प्राप्त करने या नवीनीकरण कराने की प्रक्रिया कभी-कभी विभिन्न कारणों से देरी हो जाती है, जैसे तकनीकी समस्याएं या परीक्षण केंद्रों पर लंबी कतारें। कोर्ट के इस आदेश से यह सुनिश्चित होगा कि ऐसी देरी बीमा कवरेज प्राप्त करने में बाधा न बने।

हालांकि, कोर्ट ने वाहन मालिकों को यह भी याद दिलाया कि उनके वाहनों को प्रदूषण मानकों का पालन करना आवश्यक है। यह आदेश किसी को भी PUC प्रमाण पत्र प्राप्त करने से छूट नहीं देता है; यह केवल बीमा प्रक्रिया से इसे अलग करता है। अधिकारियों को सख्ती से प्रदूषण मानकों की निगरानी और प्रवर्तन जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं।

इस आदेश से वाहन मालिकों को जरूरी राहत मिलेगी, जबकि वाहन प्रदूषण को नियंत्रित करने पर ध्यान केंद्रित रहेगा।

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